रविवार, 6 सितंबर 2009
टीचर और टयूटर
*********
आजकल नहीं मिलते
किसी भी स्कूल मै
कोई टीचेर
इसलिए नहीं मानता
कोई विद्यार्थी
किसी अध्यापक को
अपना गुरु या मार्ग दर्शक
आजकल तो अध्यापक भी
सर्व पल्ली राधा कृष्णन
और जाकिर हुसैन को
भूतपूर्व राष्ट्रपति ही
कहते ,मानते और समझते हैं
टीचर नहीं
टीचर आजकल
इतिहास की किताबों मै
भले ही कहीं
मिल जाएँ
स्कूलों मै तो
सिर्फ
टयूटर ही मिलेंगे
*******
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आजकल नहीं मिलते
किसी भी स्कूल मै
कोई टीचेर
इसलिए नहीं मानता
कोई विद्यार्थी
किसी अध्यापक को
अपना गुरु या मार्ग दर्शक
आजकल तो अध्यापक भी
सर्व पल्ली राधा कृष्णन
और जाकिर हुसैन को
भूतपूर्व राष्ट्रपति ही
कहते ,मानते और समझते हैं
टीचर नहीं
टीचर आजकल
इतिहास की किताबों मै
भले ही कहीं
मिल जाएँ
स्कूलों मै तो
सिर्फ
टयूटर ही मिलेंगे
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मेमना और भेड़िया
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बहुत मुश्किल है बच पाना
मेमने का
भेड़ियों के देश में
उनके लम्बे पंजों से
खूनी निगाहों से
उन्हीं के के बीच रह के
खुद को बचा के चलना
काबिल ऐ तारीफ़ है
लेकिन
मेमना
कब तक
मेमना रह पायेगा
रात दिन चुभते नश्तरों के बीच
ज़िन्दगी की जद्दो जेहद को
झेलते झेलते
बहुत मुमकिन है
मेमना
या तो
हार जायेगा
या खुद
भेड़िया बन जायेगा
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बहुत मुश्किल है बच पाना
मेमने का
भेड़ियों के देश में
उनके लम्बे पंजों से
खूनी निगाहों से
उन्हीं के के बीच रह के
खुद को बचा के चलना
काबिल ऐ तारीफ़ है
लेकिन
मेमना
कब तक
मेमना रह पायेगा
रात दिन चुभते नश्तरों के बीच
ज़िन्दगी की जद्दो जेहद को
झेलते झेलते
बहुत मुमकिन है
मेमना
या तो
हार जायेगा
या खुद
भेड़िया बन जायेगा
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