मेमना और भेड़िया
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बहुत मुश्किल है बच पाना
मेमने का
भेड़ियों के देश में
उनके लम्बे पंजों से
खूनी निगाहों से
उन्हीं के के बीच रह के
खुद को बचा के चलना
काबिल ऐ तारीफ़ है
लेकिन
मेमना
कब तक
मेमना रह पायेगा
रात दिन चुभते नश्तरों के बीच
ज़िन्दगी की जद्दो जेहद को
झेलते झेलते
बहुत मुमकिन है
मेमना
या तो
हार जायेगा
या खुद
भेड़िया बन जायेगा
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रविवार, 6 सितंबर 2009
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