नशा
######
स्टेशन पर भीड़ थी ! लोग बहुत बेसब्री से ट्रेन के आने का इंतज़ार कर रहे थे ! ट्रेन के लेट होने से खोमचे वालों की खूब बिक्री हो रही थी ! अचानक एक धम्म की आवाज़ हुई ! सबने चौंक कर आवाज़ की तरफ देखा ! एक नाटे कद का अधेड़ उम्र का व्यक्ति प्लेटफॉर्म पर गिरा पड़ा था ! देखते ही देखते उस बेहोश पड़े आदमी के चारों तरफ भीड़ जुट गई ! एक चिल्लाया, 'अरे, दूर हटो,हवा आने दो!'..दूसरी आवाज़ आई, 'अरे, पानी लाओ, पानी!' पास ही बेंच पर बैठी एक युवती ने अपने पास से पानी की एक बोतल तुरंत निकल कर कर दी !ऐसा कर के उसने यह जता दिया कि उस आदमी के चारों तरफ इकठ्ठा हुई भीड़ की तरह उसे भी पूरी हमदर्दी है, चाहे वह भीड़ में शामिल न हो कर बेंच पर बैठी है !
एक आदमी उस बुज़ुर्ग के सीने पर हथेलियों से पम्प करने लगा! उसे लगा कि कहीं यह दिल का मामला न हो! एक व्यक्ति तत्परता दिखता हुआ मुंह पर छींटें मारने लगा! ...एक ही पल में लगा कि इंसानियत अभी मरी नहीं है! जिंदगी कि भागदौड ने बेशक आदमी को बाहर से कठोर कर दिया है लेकिन उसके दिल में प्यार और हमदर्दी का सोता अभी सूखा नहीं है !
इतने में वो बाहोश पड़ा आदमी हिला व उठने को तत्पर हुआ !लोगों ने राहत की सांस ली ! फ़ौरन बेंच खाली करवाई गई, ताकि वो बुज़ुर्ग उस पर बैठ सके!... अब तक वो व्यक्ति खड़ा हो चुका था! वह हाथ जोड़ कर लोगों का शुक्रिया करने लगा ! उसकी भाव भंगिमा देख कर लोगों ने ठहाका लगाया , 'अरे भाई , ये तो पिए हुए है ! हम तो कुछ और ही समझे थे!...वो व्यक्ति नशे में चूर लहराता हुआ अस्फुट से स्वर में धन्यवाद करता हुआ आगे बढ़ने लगा !
अब तक जिसके लिए भीड़ में सहानुभूति थी , नशे ने उसे एक ही पल में मजाक का विषय बना दिया था .....!
द्वारा -नमिता राकेश
namita.rakesh@gmail.com
रविवार, 12 सितंबर 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
4 टिप्पणियां:
bahut achhi kahani hai.... ise main nukkad par bhi padh chuki... ek baar fir yun hi saamne aa gayee to khud ki rok nahin paa rahi hun .... is seekh dene wali katha ki taarif karne se... badhai
Monika ji thanx.
sundar katha.....vadhai!!!!
very nice
एक टिप्पणी भेजें